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एजुकेशन लोन क्या होता है एजुकेशन लोन कैसे लें।

एजुकेशन लोन को तब लिया जाता है जब लोगों को शिक्षा प्राप्त करने में पैसों की कमी पड़ती है। कहने का आशय यह है की इस तरह के ऋण को लोगों द्वारा विदेश में पढाई, किसी उच्च शिक्षण संस्थान में पढाई या कई अन्य शैक्षणिक जरूरतों के लिए लिया जा सकता है। वर्तमान परिदृश्य में सभी सुविधाओं की कीमतों में वृद्धि हो रही है, यही कारण है की वर्तमान में अच्छी एवं गुणवत्तायुक्त शिक्षा की कीमतों में भी काफी वृद्धि हो गई है। इसलिए लोगों को अपने बच्चों को अच्छे शिक्षण संस्थानों से शिक्षा प्राप्त करवाने ले लिए एजुकेशन लोन लेने की आवश्यकता हो सकती है ।   

कई मामले ऐसे होते हैं की प्रतिभावान छात्र जो पढाई में अच्छे होते हैं लेकिन परिवार की आर्थिक समस्याओं के चलते अपनी पढाई पूरी नहीं कर पाते हैं। लोगों की इसी समस्या को ध्यान में रखते हुए ही बैंक एवं वित्तीय संस्थान एजुकेशन लोन ऑफर कर रहे होते हैं। और इस तरह का ऋण लेकर प्रतिभावान युवा अपनी पढाई एवं पाठ्यक्रम पूरा कर सकते हैं।

एजुकेशन लोन

एजुकेशन लोन क्या है (What is education loan in hindi):

बैंकों या वित्तीय संस्थानों द्वारा कॉलेज पढाई, हॉस्टल के खर्चे, किताबे खरीदने, विदेश में पढाई करने, पढाई के लिए कंप्यूटर लैपटॉप खरदीने इत्यादि शिक्षा सम्बन्धी कार्यों के लिए दिया जाने वाला ऋण एजुकेशन लोन कहलाता है। इस लोन की विशेषता यह है की इसको चुकाने के लिए कोर्स या पाठ्यक्रम पूरा होने के बाद १५ वर्षों तक का समय दिया जाता है।

कुछ बैंकों एवं वित्तीय संस्थानों द्वारा इस तरह का यह ऋण चुकाने के लिए १५ साल के अलावा १ साल का अतिरिक्त समय भी दिया जाता है। इस लोन की सबसे प्रमुख विशेषता यह है की इसके ब्याज पर आयकर अधिनियम की धारा ८० ई के तहत कर में छूट मिलती है। लेकिन यह छूट केवल ८ वर्षों के लिए लागू होती है, उसके बाद आपको कर देना होता है।

शिक्षा ऋण के लिए पात्रता मानदंड (Eligibility Criteria to get Education Loan):

  • आवेदनकर्ता भारत का नागरिक होना चाहिए।
  • आवेदनकर्ता जिस अधिकृत विश्वविद्यालय में प्रवेश लेना चाहता हो, उसका प्रवेश वहाँ पर हो चुका हो। यद्यपि कुछ बैंक एवं वित्तीय संस्थान प्रवेश से पहले भी कर्ज दे देते हैं।
  • आवेदनकर्ता की हायर सेकेंडरी एजुकेशन पूरी हो चुकी हो।     
  • हालांकि एजुकेशन लोन के लिए किसी प्रकार की अधिकतम आयु की सीमा नहीं होती है, लेकिन कुछ बैंक इस तरह का ऋण देने के लिए एक आयु सीमा निर्धारित किये हुए हैं ।

एजुकेशन लोन के लिए आवश्यक दस्तावेज (Documents for education loan)

इस तरह का ऋण प्रदान करने से पहले बैंकों या वित्तीय संस्थान द्वारा तरह तरह के दस्तावेज जैसे जिस शिक्षण संस्थान में प्रवेश लेना हो उसका प्रवेश पत्र, फीस स्ट्रक्चर, फीस की लिस्ट, १० वी १२वीं का परीक्षाफल जरुरत पड़ने पर स्नातक का प्रमाणपत्र, सैलरी स्लिप और आईटीआर रिटर्न की कॉपी भी मांगी जा सकती है।

यहाँ पर हम कुछ ऐसे दस्तावेजों की लिस्ट दे रहे हैं, जो लगभग हर बैंक या वित्तीय संस्थान द्वारा ऋण प्रदान करने से पहले मांगे जाते हैं।

  • पता प्रमाण के तौर बैंक की पासबुक, राशन कार्ड, मतदाता पहचान पत्र में से कोई एक।  
  • जिस संस्थान में प्रवेश हुआ हो उसके द्वारा जारी प्रवेश प्रमाण पत्र।
  • शिक्षण संस्थान को दी गई फीस का प्रमाण।  
  • अभिभावक एवं छात्र दोनों का पहचान प्रमाण जैसे आधार कार्ड, पैन कार्ड इत्यादि।  

शिक्षा ऋण के प्रकार (Types of education loan)

भारत में उपलब्ध एजुकेशन सिस्टम के आधार पर यहाँ चार प्रकार के एजुकेशन लोन बेहद प्रसिद्ध हैं ।

स्नातक की पढाई के लिए लोन

ऐसे छात्र जिन्होंने अपनी १२वीं तक की पढाई पूरी कर ली हो, और अब आगे वे अपनी स्नातक की पढ़ाई करना चाहते हों। वे इस श्रेणी के तहत शिक्षा ऋण (Education Loan) के लिए आवेदन कर सकते हैं।  

उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए लोन

इस श्रेणी के तहत लोन का लाभ लेने के लिए आवेदनकर्ता को स्नातक पास होना आवश्यक है। ऐसे छात्र जो स्नातक की पढाई पूरी कर चुके हों, लेकिन अब उच्च शिक्षा प्राप्त करना चाहते हों, वे इस श्रेणी के तहत लोन के लिए आवेदन कर सकते हैं ।

 करियर के लिए लोन:

ये ऋण उन छात्रों को ध्यान में रखकर डिजाईन किया गया है जो देश या विदेश के व्यवसायिक संस्थानों से व्यवसायिक शिक्षा जैसे डॉक्टर, इंजिनियर, पायलट, वकील इत्यादि का कोर्स करना चाहते हों।

माता-पिता के लिए एजुकेशन लोन :

इस तरह का यह लोन उन छात्रों और बच्चों के माता पिता ले सकते हैं, जो अपने बच्चों का पढ़ाई का खर्चा वहन कर पाने में अक्षम हैं। भारत में आम तौर पर इस तरह यह लोन काफी प्रचलित है। क्योंकि बहुत सारे परिवारों को अपने बच्चों की अच्छी शिक्षा के लिए लोन की आवश्यकता होती है।    

एजुकेशन लोन के फायदे (Benefits of Getting education loan):

बैंकों एवं वित्तीय संस्थानों द्वारा दिए जाने वाले ऋण के कई लाभ हैं, लेकिन इनमें से कुछ प्रमुख लाभों की लिस्ट निम्नवत है ।

 उच्च शिक्षा प्राप्त करने में मदद करता है

वर्तमान में उच्च शिक्षा का खर्चा वाहन कर पाना लगभग मध्यम वर्गीय एवं निम्न वर्गीय परिवारों के लिए एक बड़ी चुनौती हो गई है । इसलिए यदि बच्चा पढाई में अच्छा है तो वह अपनी पढाई एजुकेशन लोन लेकर पूरी कर सकता है । और जब बाद में उसे नौकरी मिल जाय तो लोन की किश्तें भरकर अपने लोन को चुका भी सकता है ।

समाज के सभी वर्गों के लिए उपलब्ध

यह ऋण बिना भेदभाव के समाज के सभी वर्गों के लिए सामान रूप से उपलब्ध है। क्योंकि इसमें बैंक एवं वित्तीय संस्थानों को इस बात की आशा रहती है की पढ़ लिखकर बच्चा कुछ न कुछ अवश्य बनेगा। और जब उसे अच्छी नौकरी मिल जाएगी तो उनका लोन भी ब्याज सहित वापस हो जाएगा।   

टैक्स में छूट का लाभ मिलता है

पढाई के दौरान शिक्षा ऋण लेने से इस पर लगने वाले सभी टैक्स में छूट मिलती है। और ऐसे माता पिता जो अपने बच्चों की पढाई के लिए एजुकेशन लोन लेते हैं उन्हें टैक्स में छूट का लाभ मिलता है।  

ब्याज दर कम होती है :

सरकारी बैंकों द्वारा ऑफर किये जा रहे शिक्षा ऋणों पर कई बार सरकार द्वारा सब्सिडी प्रदान की जाती है, जिसका सीधा लाभ इस प्रकार का ऋण लेने वाले छात्र/छात्राओं एवं उनके अभिभावकों को मिलता है। कई बार सरकार द्वारा सार्वजनिक एवं निजी सभी बैंकों को शिक्षा ऋण पर कम ब्याज लेने के निर्देश भी दिए जाते हैं।  

 बेहतर भुगतान करने की शर्ते

इस तरह के ऋण का प्रमुख फायदा यह है की जब तक बच्चों की पढाई पूरी नहीं हो जाती तब तक इस तरह के लोन का भुगतान करने की कोई चिंता नहीं होती। और जब बच्चा किसी अच्छे संस्थान से पढाई पूरी कर लेता है तो उसकी अच्छी नौकरी की सभावना बढ़ जाती है । और अच्छी नौकरी मिलने के बाद एजुकेशन लोन का भुगतान ब्याज सहित आसानी से किया जा सकता है।  

एजुकेशन लोन आसानी से मिल जाता है

हालांकि औपचारिकतायें एवं दस्तावेज तो इस तरह का ऋण प्राप्त करने के लिए भी पूरे करने होते हैं। लेकिन जब इस लोन प्रक्रिया की तुलना अन्य लोन प्रक्रियाओं से होती है, तो यह उनकी तुलना में आसान होता है ।

जिम्मेदार बनाने में सहायक होता है

ऐसे छात्र जो लोन लेकर अपनी पढ़ाई कर रहे होते हैं। उन्हें इस बात का एहसास होता है की यह लोन उनके द्वारा ही चुकाया जाना है जो उन्हें जिम्मेदार बनाने में सहायक होता है। ऐसे छात्रों की पाठ्यक्रम या पढाई पूरी करने के बाद जल्दी से जल्दी नौकरी ढूंढकर उस लोन को चुकाने का प्रयास होता है।   

माता पिता के लिए बच्चों को पढ़ाना आसान हो जाता है

जिन माता पिता के बच्चे पढाई में अव्वल होते हैं, लेकिन चूँकि उनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होती इसलिए वे अच्छे शिक्षण संस्थानों में उन्हें प्रवेश दिलाने से डरते हैं । लेकिन एजुकेशन लोन उन्हें इस डर से बाहर निकालता है।

आत्मविश्वास बढ़ाने में सहायक होता है

ऐसे छात्र जो शिक्षा ऋण लेकर अपनी पढाई पूरी कर रहे होते हैं, उन्हें इस बात का एहसास होता है की उनके माता पिता ने उन पर उम्मीद करके ही यह कर्ज लिया है । और वे इस कर्ज को तभी उतार पाएंगे जब वे अच्छे से पढाई करके कुछ बन जाएँगे, इससे वे पढाई पर और अधिक मेहनत करते हैं, जिससे उनका आत्मविश्वास बढ़ता है।

एजुकेशन लोन के प्रति लोगों को जागरूक करता है

जब कोई माता पिता अपने बच्चे को शिक्षा ऋण लेकर अच्छे शिक्षण संस्थान से पढाई करने के लिए भेजते हैं । तो आस पड़ोस एवं रिश्तेदारी में पता चल जाता है, इसलिए ऐसे लोग जो अब तक एजुकेशन लोन से परिचित नहीं थे वे भी इस तरह का लोन अपने बच्चों की पढाई क लिए लेने के बारे में सोचना शुरू कर देते हैं। जिससे लोगों में इस तरह के लोन के प्रति जागरूकता बढती है।   

किस तरह की पढाई के लिए लोन ले सकते हैं

इस लोन के तहत शिक्षा से सम्बंधित सभी खर्चों के लिए पैसा प्रदान किया जाता है। इच्छुक उम्मीदवार किसी भी तरह की पढाई या वोकेशनल कोर्स करना चाहता हो उसे उसी के लिए पैसा प्रदान कर दिए जाएगा । कक्षा १२ वीं से लेकर स्नातक की शिक्षा तक के लिए इस प्रकार का या लोन लिया जा सकता है। केवल इतना ही नहीं ग्रेजुएट, पोस्ट ग्रेजुएट, पीएचडी, इंजीनियरिंग, चिकित्सा, कृषि प्रबंधन, कंप्यूटर पाठ्यक्रम, सीए सहित ऐसे कई कोर्स हैं जिनके लिए बैंकों एवं वित्तीय संस्थानों द्वारा एजुकेशन लोन प्रदान किया जाता है ।

शिक्षा ऋण कैसे प्राप्त करें (How to get education loan in India)

वर्तमान में सभी सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्रों के वाणज्यिक बैंकों द्वारा एजुकेशन लोन प्रदान किये जा रहे हैं। इसलिए सबसे पहले आपको उस बैंक या वित्तीय संस्थान का चुनाव करना होता है जहाँ से आप अपनी पढाई या अपने बच्चों की पढाई के लिए लोन लेना चाहते हैं।

उसके बाद उस बैंक के आवेदन फॉर्म को सभी आश्यक दस्तावेजों को संग्लग्न करके सम्बंधित बैंक की शाखा में जमा करना होता है । बैंक द्वारा उसके बाद दस्तावेजों एवं आपके द्वारा दिए गए पते इत्यादि का वेरिफिकेशन शुरू कर दिया जाता है। सब कुछ सही पाए जाने के बाद बैंक आपको लोन के रूप में दी जाने वाली राशि का निर्धारण करते हैं ।

लोन लेते समय उधार लेने वाले व्यक्ति को ऋण से जुड़ी सभी आवश्यक नियमों एवं शर्तों को जानना बेहद आवश्यक हो जाता है । ताकि पढाई या कोर्स के दौरान किसी भी प्रकार की कोई बाधा पैदा न हो।  भारत में पढाई करने के लिए बैंकों एवं वित्तीय संस्थानों द्वारा अधिक से अधिक १० लाख रूपये तक का लोन ऑफर किया जाता है। जबकि विदेशों में पढाई करने के लिए यह राशि २० लाख या इससे अधिक भी हो सकती है।

और यहाँ पर ध्यान देने वाली बात यह है की ४ लाख तक ऋण बिना किसी गारंटी के भी मिल सकता है जबकि इससे अधिक राशि होने पर ऋणदाता गारंटी माँग सकते हैं।   

एजुकेशन लोन पर लगने वाली ब्याज दरें (Interest Rate):

किसी भी प्रकार का ऋण लेने में उधार लेने वाला व्यक्ति जो सबसे पहली चीज देखता है वह यही की उस पर ब्याज किस दर से लगाया जा रहा है । कहने का आशय यह है की सस्ती ब्याज दर वाले लोन की तरफ लोग जल्दी आकर्षित होते हैं । एजुकेशन लोन पर लगने वाली ब्याज दरें अन्य लोन के मुकाबले कम होती हैं। कई बैंकों द्वारा ब्याज दरों में छूट भी दी जाती है ।

एसबीआई का शिक्षा ऋण (SBI Education Loan)

भारत का सबसे बड़ा बैंक भारतीय स्टेट बैंक है, इसलिए यह भारत में सबसे बड़ा ऋणदाता भी है। यह बैंक भी जरुरत मंद बच्चों एवं माता पिता को एजुकेशन लोन प्रदान करता है। बच्चा चाहे किसी देश के उच्च संस्थान में पढ़ना चाह रहा हो या फिर विदेश के किसी संस्थान में पढ़ना चाह रहा हो। भारत का यह बैंक दोनों स्थिति में इस तरह का लोन प्रदान करता है। भारतीय स्टेट बैंक की अधिकारिक वेबसाइट (http://www.sbi.co.in) के मुताबिक इस तरह का यह लोन 10.5% ब्याज के साथ शुरू होते हैं । और इनके पुनर्भुगतान की अवधि १५ साल होती है।      

एसबीआई एजुकेशन लोन के लिए कौन कौन आवेदन कर सकता है

ऐसा कोई भी छात्र एवं उसके अभिभावक जिसका देश विदेश में स्थित किसी भी मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थान में प्रवेश हो चुका हो वे एसबीआई से शिक्षा ऋण के लिए आवेदन कर सकते हैं। यह बैंक इस तरह के ऋण पर किसी तरह की प्रोसेसिंग फीस नहीं लेता है। जहाँ तक भारतीय स्टेट बैंक द्वारा लागू ब्याज दरों की बात है यह रूपये 7.5 लाख तक के शिक्षा ऋण पर 10.5 प्रतिशत और उससे अधिक के ऋण पर 10.75 प्रतिशत ब्याज दर लागू है ।

एसबीआई से किन कोर्स के लिए एजुकेशन लोन ले सकते हैं

  • यूजीसी/एआईसीटीई/आईएमसी/सरकार इत्यादि द्वारा मान्यता प्राप्त सभी प्रकार के कॉलेजों/विश्वविद्यालयों के माध्यम से संचालित नियमित तकनीकी और व्यावसायिक डिग्री/डिप्लोमा पाठ्यक्रमों सहित स्नातक, स्नातकोत्तर कोर्स के लिए इस तरह का ऋण उपलब्ध है।  
  • इसके अलावा आईआईटी, आईआईएम जैसे प्रचलित स्वायत्त संस्थानों द्वारा नियमित डिग्री/डिप्लोमा पाठ्यक्रमों के लिए भी लोन उपलब्ध होता है ।
  • केंद्र या राज्य सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त शिक्षक प्रशिक्षण / नर्सिंग पाठ्यक्रमों के लिए  
  • नागरिक उड्डयन/शिपिंग/वैमानिकी इंजीनियरिंग, पायलट प्रशिक्षण, शिपिंग आदि जैसे नियमित डिग्री/डिप्लोमा पाठ्यक्रमों के लिए।

विदेश में अध्ययन करने के लिए भी लोन ले सकते हैं :

  • नौकरी उन्मुख पेशेवर/तकनीकी स्नातक डिग्री पाठ्यक्रम/स्नातकोत्तर डिग्री और एमसीए, एमबीए, एमएस आदि जैसे डिप्लोमा कोर्सों जिन्हें प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों द्वारा चलाया गया हो ।
  • यूएसए में सीपीए और लंदन में सीआईएमए, द्वारा संचालित कोर्स ।
  • एसबीआई द्वारा भी देश में पढने के लिए अधिकतम १० लाख रूपये और विदेश में पढाई के लिए अधिकतम २० लाख रूपये लोन के रूप में दिए जाने का प्रावधान है।

आवेदन करने से पहले किन बातों का ध्यान रखें (Things to remember before applying for Education Loan)

  1. मार्किट में उपलब्ध सभी शिक्षा ऋणों के बारे में जानें और उनकी तुलना करें अर्थात उनके फायदे और नुकसान को समझें और उसके बाद इस बात का निर्णय लें की आपको किस संस्थान से ऋण लेना है।
  2. अधिकतर बैंक किसी पाठ्यक्रम को पूरा करने में लगने वाले खर्चे का भुगतान लोन के रूप में नहीं करते हैं। यानिकी वे उधारकर्ता से मार्जिन मनी की माँग करते हैं । आपकी कोशिश यह होनी चाहिए की आप इअसे ऋण का चुनाव करें जिस लोन में मार्जिनमनी देने की जरुरत न हो।  
  3. आम तौर पर एजुकेशन लोन पर अधिकतर बैंकों द्वारा प्रोसेसिंग शुल्क नहीं लिया जाता है लेकिन आपको फिर भी इस बात का ध्यान रखके ऐसे बैंक या वित्तीय संस्थान का चुनाव करना चाहिए जो प्रोसेसिंग शुल्क नहीं लेते हैं ।
  4. बैंकों द्वारा लोन देने से पहले उस पर कितना ब्याज लगेगा इसके लिए अपनी एक आधार दर निर्धारित की जाती है । कुछ बैंक ऐसे होते हैं जो आधार दर पर भी एक्स्ट्रा ब्याज दर लगा देते हैं, इसलिए बैंक की ब्याज दर स्ट्रक्चर को समझना भी जरुरी हो जाता है।
  5. जब छात्र पढाई कर रहा होता है उस अवधि और छूट की अवधि को बैंक अधिस्थगन अवधि में शामिल करते हैं । और बैंकों द्वारा भले ही इस दौरान किसी भी प्रकार की किश्त आपसे नहीं ली जा रही हो लेकिन बाद में वे इस अवधि पर भी ब्याज दर लगाते हैं । इसलिए यह कितनी है इस बात की जांच भी अवश्य करनी चाहिए।
  6. वैसे तो ब्याज दरें फिक्स्ड, फ्लोटिंग और इन दोनों का मिश्रित रूप होती हैं । लेकिन आपको तय्कारना होगा की आपके एजुकेशन लोन के लिए कौन सी ब्याज दर उचित रहेगी। फ्लोटिंग ब्याज दर जिसमें मार्किट रेट के हिसाब से ब्याज दरें अंतरित होती रहती है। इस तरह के लोन में उन्हें उचित माना जाता है।   
  7. हालांकि एजुकेशन लोन को अधिस्थगन अवधि के दौरान नहीं चुकाया जाता है। क्योंकि उस समय छात्र अपनी पढाई पूरी कर रहा होता है। लेकिन यदि छात्र एवं उसके अभिभावक इस अवधि के दौरान किश्त भरने में सक्षम हैं तो वह अपने बैंक से ब्याज दरों में कमी करने को बोल सकते हैं।
  8. यदि छात्र के पास कार्य करने का अनुभव है और वह उच्च शिक्षा के लिए किसी टॉप कॉलेज में प्रवेश ले चुका है । तो वह एजुकेशन लोन लेते समय बैंक या वित्तीय संस्थान से अपने कार्य अनुभव का प्रमाण देकर ब्याज दरों में रियायत पाने का पात्र हो सकता है।
  9. समाज में भले ही अब महिलाओं की सहभागिता हर कार्य में बढ़ रही हो लेकिन आज भी इसे पुरुष प्रधान समाज के तौर पर ही देखा जाता है । इसी लिंग विविधता को ध्यान में रखते हुए और IIM, IIT जैसे शिक्षण संस्थानों में महिला छात्रों की संख्या बढ़ाने के उद्देश्य से उन्हें लोन कम ब्याज दरों पर मिल सकता है।
  10. लोन लिया है तो चुकाना तो पड़ेगा और अधिकतर बैंक में यह चुकौती अवधि कोर्स या पढाई पूरी होने के बाद शुरू होती है जो अधिकतम १५ सालों की हो सकती है। इसलिए कहीं ऐसा तो नहीं है की आपके लोन पर यह अवधि पढाई के दौरान से ही शुरू हो जा रही है। इसबात की भी पहले ही जांच परख कर लें।        

FAQ on Education Loan

एजुकेशन लोन किसलिए लिया जाता है?

किसी छात्र की शिक्षा में होने वाले खर्च जैसे कॉलेज फीस, हॉस्टल का खर्च एवं शिक्षा सम्बन्धी अन्य खर्चों को पूरा करने के लिए लिया जाता है।

इस ऋण के लिए कौन आवेदन कर सकता है?

मुख्य आवेदक छात्र ही होता है जिसकी पढाई के लिए लोन लिया जा रहा है उप आवेदक के तौर पर अभिभावक हो सकते हैं ।

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