छोड़कर सामग्री पर जाएँ

होम लोन क्या होता है भारत में होम लोन कैसे लें

भारत में आज भी एक बड़ी आबादी सड़कों पर तो एक बड़ी आबादी किराये के घरों में अपना गुजर बसर करती है। होम लोन लोगों को अपना घर बनाने में हर तरह से मदद करता है। प्लाट खरीदने से लेकर घर के निर्माण तक के लिए बहुत सारे बैंक एवं वित्तीय संस्थान आकर्षक ब्याज दरों पर होम लोन ऑफर करते हैं।

भारत जैसे जनाधिक्य वाले देश में बहुत सारे लोग ऐसे भी होते हैं जो अपनी पूरी जिन्दगी किराये के घरो में गुजर बसर कर देते हैं, इसलिए यहाँ किसी शहर में अपना घर होना कोई बड़ा सपना पूरा होने से कम नहीं है। होम लोन लोगों के इस बड़े सपने को पूरा करने का एक चमत्कारिक और प्रभावी तरीका है।     

होम लोन

Article Contents

होम लोन क्या होता है (What is home loan in hindi):

यह एक ऐसा कर्ज है जिसे लोग बैंकों या वित्तीय संस्थानों से नया घर बनाने, प्लाट खरीदने, घर खरीदने के उद्देश्य से लेते हैं। यही नहीं घर के रेनोवेशन और मरम्मत के लिए भी इस ऋण को लिया जा सकता है।  

भारत में लगभग सभी वाणज्यिक बैंक चाहे वे सार्वजनिक क्षेत्र के हों, या फिर निजी क्षेत्र के गृह ऋण प्रदान करते हैं, इसके अलावा अन्य वित्तीय संस्थान भी इस तरह का यह ऋण प्रदान करते हैं। इस ऋण को भुगतान करने की अधिकतम अवधि ३० सालों तक की हो सकती है। यही कारण है की कर्ज लेने वाला व्यक्ति अपनी सुविधानुसार डाउन पेमेंट करके बाकी के बचे हुए पैसों की किश्त बनाकर भुगतान कर सकता है।   

होम लोन के प्रकार (Types of home loan in hindi):

भारत में होम लोन के प्रकारों को इसके इस्तेमाल के आधार पर विभाजित किया जा सकता है।  हमारे देश में प्रचलित गृह ऋण के प्रकारों में निम्नलिखित शामिल हैं।  

  • नया घर खरीदने के लिए लिया जाने वाला लोन
  • नया घर बनाने के लिए लिया जाने वाला लोन
  • घर बनाने हेतु जमीन या प्लाट खरीदने के लिए लिया जाने वाला लोन
  • घर की मरम्मत या अन्य रेनोवेशन का कार्य करने के लिए लिया जाने वाला लोन
  • घर को बड़ा करने के लिए या अन्य सुविधाएँ जोड़ने के लिए लिया जाने वाला लोन
  • पुराने होम लोन पर लिया जाने वाला टॉप अप लोन
  • नए घर के लिए लिया जाने वाला ब्रिज हाउस लोन
  • प्लाट खरीदने और घर बनाने के लिए एक साथ लिया जाने वाला ऋण कम्पोजिट होम लोन
  • एक से अधिक व्यक्तियों द्वारा साझा कार्यक्रम के तहत लिया जाने वाला लोन
  • एनआरआई होम लोन ऐसे भारतीय जो विदेशों में बसे हों

अब उपर्युक्त बताए गए इन सभी होम लोन के बारे में हम संक्षिप्त विवरण प्रदान कर रहे हैं

नया घर खरीदने के लिए लिया जाने वाला लोन (Home loan for buying home):

जब कोई व्यक्ति पहले से निर्मित किसी फ्लैट या घर खरीदने के लिए लोन लेता है, तो यह ऋण इसी श्रेणी के तहत आता है। यह घर या फ्लैट इच्छुक व्यक्ति किसी व्यक्तिगत व्यक्ति/कंस्ट्रक्शन कंपनी या सरकारी आवास निर्माण एजेंसीयों से भी खरीद सकता है। वर्तमान में अधिकतर लोग बने बनाये फ्लैट या घर खरीदना पसंद कर रहे हैं, यही कारण है की भारत में होम लोन का यह प्रकार अन्य प्रकारों की तुलना में ज्यादा प्रचलित है।   

नया घर बनाने के लिए (Home loan for construct house)

ऐसे लोग जो पहले से बने बनाये फ्लैट या घर नहीं खरीदना चाहते, और वे अपनी जमीन में ही अपना घर बनाने की सोच रहे हैं, तो वे इस श्रेणी के तहत लोन ले सकते हैं । यह लोन कितना मिलेगा यह स्थिति और समय के आधार पर चल रही कीमतों और उस समय घर बनाने में आने वाले खर्चों के आधार पर तय किया जाता है।

प्लाट खरीदने के लिए लोन

ऐसे लोग जो अभी न तो घर खरीदने की स्थिति में हैं और न ही घर का निर्माण करने के लिए उनके पास उनकी खुद की जमीन या प्लाट उपलब्ध है । वे लोग चाहें तो जमीन या प्लाट खरीदने के लिए इस श्रेणी के तहत लोन ले सकते हैं। और इसमें यह शर्त भी जरुरी नहीं होती की जो प्लाट या जमीन अपने लोन लेकर खरीदी है उसमें आपको घर ही बनाना है, आप कुवच सालों बाद उस प्लाट या जमीन को महंगे दामों में बेच भी सकते हैं।  

घर की मेंटेनेंस और रेनोवेशन के लिए लोन (Home loan for house renovation)

ऐसे लोग जिनके पास घर तो पहले से उपलब्ध है, लेकिन उसमें कुछ नए सुधार करने और मरम्मत करने के लिए उनके पास पैसे नहीं है। तो वे इस प्रकार के होम लोन का सहारा ले सकते हैं। जैसे यदि कोई पहले से निर्मित घर में बाथरूम, किचन या अन्य कोई रूम बनाना चाहता है, तो इसके लिए भी लोन मिल जाता है। इस तरह के ऋण को घर को विस्तार करने वाला और मरम्मत करने कजे लिए लोन को हाउस इम्प्रूवमेंट लोन भी कहा जाता है।    

अतिरिक्त कामों के लिए अतिरिक्त लोन

ऐसे लोग जो पहले से होम लोन ले चुके हैं, लेकिन इसके बावजूद उनके पास पैसों की कमी पड़ रही है, तो फिर से वे लोन ले सकते हैं। लेकिन उन्हें इस बात का ध्यान रखना होगा की उन्हें अपने पुराने लोन में ही इसे टॉप अप कराना होगा। इस तरह का यह लोन घर के विस्तार के अलावा, घर में सुधार इत्यादि करने के लिए भी मिल जाता है। यहाँ तक की किसी अन्य कार्य जैसे बच्चों की शिक्षा इत्यादि में आने वाले खर्चे की पूर्ति के लिए भी आप इसे टॉप अप कर सकते हैं।    

 नए घर के लिए लिया जाने वाला ब्रिज हाउस लोन

ऐसे लोग जिनके पास पहले से घर मौजूद है लेकिन वे किसी कारण उस घर को बेचकर कहीं अन्य नया घर लेना चाहते हैं। लेकिन उनका घर बिक नहीं रहा, इसलिए वे चाहें तो अपना पुराना घर बेचने से पहले नया घर खरीदने के लिए लोन ले सकते हैं। यह ऋण तब तक के लिए लिया जाता है जब तक की उनका पुराना घर बिक न जाय। जैसे ही पुराना घर बिक जाता है बैंक या वित्तीय संस्थान के पैसे ब्याज सहित वापस कर दिए जाते ।

कम्पोजिट लोन (Composite home loan)

इस तरह के लोन की आवश्यकता उनको होती है, जो घर बनाने के लिए प्लाट और घर बनाने का कार्य साथ साथ करना चाहते हैं । यानिकी उन्हें प्लाट खरीदने के लिए भी पैसे चाहिए होते हैं और घर का निर्माण करने के लिए भी। ऐसे लोगों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए बैंक या वित्तीय संस्थान इन्हें दोनों कार्यों के लिए एकमुश्त राशि जारी करते हैं, जिसे कंपोजिट होम लोन कहा जाता है।  

संयुक्त गृह ऋण ( Joint home loan)

कई बार लोग अपने पारिवारिक सदस्यों के साथ जैसे पति पत्नी, माता पिता, बेटे या बेटी के साथ लोन के लिए आवेदन करते हैं। इस तरह के लोन को जॉइंट होम लोन कहा जा सकता है। इस तरह का ऋण केवल खून के रिश्तों में बंधे दो या दो से अधिक लोग ले सकते हैं। कहने का आशय यह है की बैंक या वित्तीय संस्थान केवल ऐसे दो या दो से अधिक लोगों को जॉइंट लोन प्रदान करते हैं, जिनके बीच खून का रिश्ता हो।     

अनिवासी गृह ऋण (NRI Home loan)

ऐसे लोग जो अनिवासी भारतीय (NRI) हैं वे भी भारत में प्रॉपर्टी खरीदने इत्यादि के लिए लोन ले सकते हैं। लेकिन इसका लाभ लेने के लिए निम्न में से एक स्थिति का पूर्ण होना आवश्यक है।  

  • अनिवासी भारतीय (एनआरआई)
  • भारतीय मूल के व्यक्ति (पीआईओ)
  • भारत के प्रवासी नागरिक (ओसीआई)

आवेदनकर्ता को यह साबित करने के लिए की वह एनआरआई है के लिए अपना पासपोर्ट, वीजा, वर्क परमिट, पहचान पत्र, विदेश का निवास प्रमाण पत्र इत्यादि दस्तावेज जमा और दिखाने की आवश्यकता हो सकती है।

ध्यान दें – ऐसे लोग जो पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, अफगानिस्तान, चीन, ईरान, नेपाल, भूटान में एनआरआई के तौर पर रह रहे हैं, वे भारत में होम लोन के लिए आवेदन करने के पात्र नहीं है।

उपर्युक्त जिन भी गृह ऋण के प्रकारों का हमने जिक्र किया है ये सभी लोन के इस्तेमाल के आधार पर आधारित थे । लोन के ब्याज दर के हिसाब से भी इसके प्रकार होते हैं । जिन्हें फिक्स्ड होम लोन, फ्लोटिंग रेट होम लोन और फ्लेक्सी रेट होम लोन के नाम से जाना जाता है।

फिक्स्ड रेट (Fixed rate home loan)

यदि आप फिक्स्ड रेट वाला लोन लेते हैं तो इसमें पूरी अवधि जब तक आपके द्वारा लिए गए लोन का पूरा भुगतान नहीं हो जाता, आपको एक ही ब्याज दर पर लोन को चुकता करना होता है। यानिकी इस तरह के लोन की ब्याज दरों पर बाज़ार के उतार चढ़ाव का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। और ब्याज की दर जो लोन लेते समय निर्धारित होती है, पूरा लोन चुकता करने की अवधि तक वही दर लागू होती है।  

इस प्रकार के होम लोन के फायदे और नुकसान दोनों है फायदा यह है की जब भविष्य में ब्याज दरें बढ़ जाती हैं तो आपको इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता। लेकिन जब ब्याज दरें घटती हैं तो इसका लाभ भी नहीं मिल पाता। भारत में ऐसे बैंकों की संख्या अधिक नहीं है जो लम्बी अवधि के लिए एक ही ब्याज दर पर होम लोन प्रदान करते हों, लगभग सभी बैंक ३ से ५ सालों के बीच ब्याज दरों में परिवर्तन करते रहते हैं।

फ्लोटिंग रेट (Floating rate home loan)

जैसा की नाम से ही प्रतीत होता है होम लोन के इस प्रकार में ब्याज दरें समय, स्थिति और बाज़ार के हिसाब से समय समय पर कम और ज्यादा होती रहती हैं। इसमें लोन लेने वाले व्यक्ति को ब्याज दर बढ़ने पर अधिक ब्याज और ब्याज दर घटने पर कम ब्याज का भुगतान करना होता है।

इसके भी फायदे और नुकसान दोनों है, फायदा तब होता है जब बाज़ार में ब्याज दरें कम होती है और नुकसान तब होता है जब यह दरें बढ़ जाती हैं। हालांकि वित्तीय जानकार फ्लोटिंग रेट वाले लोन को ही प्राथमिकता देते हैं।     

फ्लेक्सी ब्याज (Flexi rate home loan)

इस तरह के लोन में लोन लेने वाला उपर्युक्त बताए गए फिक्स्ड और फ्लोटिंग दोनों ब्याज दरों के हिसाब से अपनी योजना बना सकता है । यानिकी यह फ्लोटिंग और फिक्स्ड रेट होम लोन का संयुक्त रूप होता है। लोन लेने वाला व्यक्ति चाहे तो एक निश्चित समय के लिए फिक्स्ड रेट और उसके बाद फ्लोटिंग रेट अपने होम लोन के लिए चुन सकता गई।  

होम लोन लेने के लिए दस्तावेज़ (Documents for home loan)

यद्यपि लोन के लिए मांगी जाने वाली दस्तावेजों की लिस्ट बैंक और वित्तीय संस्थान के आधार पर अलग अलग हो सकती है। लेकिन देखा गया है की होम लोन के लिए लगभग सभी बैंकों द्वारा एक जैसे ही दस्तावेजों की माँग की जाती है। इनमें से कुछ की लिस्ट निम्नवत है।

  • कंपनी की तरफ से जारी किया गया आईडी कार्ड
  • लोन एप्लीकेशन के साथ आवेदनकर्ता की पासपोर्ट साइज़ फोटो
  • आवेदनकर्ता के पहचान प्रमाण के तौर पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर कार्ड, पैन कार्ड में से कोई एक   
  • निवास प्रमाण के तौर पर पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, आधार कार्ड, बिजली बिल इत्यादि में से कोई एक
  • प्रॉपर्टी से सम्बंधित दस्तावेज  
  • यदि लागू हो तो घर निर्माण के लिए आवश्यक परमिशन की कॉपी
  • बेचने के लिए रजिस्टर्ड एग्रीमेंट (केवल महाराष्ट्र के लिए) अन्य के लिए आवंटन लैटर या बिक्री के लिए स्टाम्पड एग्रीमेंट
  • कब्जा लिया हुआ प्रमाणपत्र (महाराष्ट्र के लिए)
  • यदि आवेदनकर्ता महाराष्ट्र से हो तो शेयर प्रमाण पत्र के अलावा बिजली बिल, संपत्ति कर, रखरखाव बिल इत्यादि की रसीद  बिल्डर के साथ हुआ समझौता, अथॉरिटी से स्वीकृत निर्माण प्लान की प्रति
  • बिल्डर और क्रेता के बीच हुए सभी भुगतानों की रसीदें और विवरण
  • आवेदनकर्ता का बैंक खाता विवरण
  • वर्तमान में और पिछले छह महीनों के भीतर आवेदक के जितने बैंक खाते हों उनका विवरण
  • अन्य बैंक या उधारदाताओं से लिए गए अन्य ऋणों का विवरण
  • यदि लोन लेने वाला कोई वेतनभोगी है तो लोन गारंटर का आय प्रमाण
  • आवेदनकर्ता की पिछले तीन महीने की सैलरी की स्लिप या कंपनी द्वारा जारी किया गया सैलरी सर्टिफिकेट
  • लेटेस्ट दो वर्षों के आईटी रिटर्न और फॉर्म १६ की प्रति
  • वेतनभोगियों के अलावा भी लोन गारंटरों का आय प्रमाण
  • यदि आवेदनकर्ता खुद का बिजनेस कर रहा हो तो बिजनेस एड्रेस प्रूफ
  • तीन सालों का आईटी रिटर्न फाइल करने की प्रति
  • बिजनेस का वित्तीय लेखा जोखा पिछले तीन वर्षों की बैलेंस शीट की जानकारी
  • बिजनेस के लाइसेंस इत्यादि का विवरण
  • यदि लागू हो तो फॉर्म १६ A या टीडीएस प्रमाण पत्र
  • यदि आवेदनकर्ता कोई पेशेवर जैसे सीए, डॉक्टर, वकील, इंजिनियर इत्यादि हो तो योग्यता प्रमाण पत्र

होम लोन कैसे प्राप्त करें (How to get home loan in India)

वर्तमान में होम लोन के लिए आवेदन करना बेहद आसान काम है, लेकिन लोन स्वीकृत कराना उतना ही कठिन। इसलिए सवाल यह नहीं होना चाहिए की आवेदन कैसे करें बल्कि सवाल यह होना चाहिए की आवेदन करने से पहले किन बातों पर विचार करें ताकि आवेदन करने के बाद आपका लोन आसानी से स्वीकृत हो जाए। यहाँ पर कुछ बातें बताई जा रही हैं जिन पर होम लोन लेने से पहले विचार किया जा सकता है।   

स्व-मूल्यांकन (Evaluate yourself)

  • घर बनाने या खरीदने में कितना खर्चा आ सकता है ।
  • आपके घर बनाने, घर में सुधार करने, प्लाट या जमीन खरीदने इत्यादि में जितना भी संभावित खर्चा है। आपके पास उस पूरी लागत का कितना पैसा अपनी जेब से लगाने के लिए तैयार पड़ा है। आम तौर पर बैंक या वित्तीय संस्थान ७० से ८० फीसदी तक का लोन प्रदान करते हैं। जिसका मतलब यह है की यदि आपके मकान बनाने में २० लाख रूपये का खर्चा संभावित है तो ४-५ लाख रूपये आपके पास अपने खुद के इस प्रोजेक्ट में लगाने के लिए तैयार होने चाहिए।    
  • आप अपने आप से प्रश्न करें की क्या आप लोन चुकता करने में आने वाली किश्तों का भुगतान करने में समर्थ हैं। एक आंकड़े के मुताबिक आपकी महीने की कमाई के 45% से अधिक ईएमआई नहीं होनी चाहिए।  
  • कोशिश करें की आप अपने होम लोन को चुकता करने की अवधि को कम रखें इससे आपको कम ब्याज का भुगतान करना पड़ेगा। फिर से अपने आप से प्रश्न पूछें क्या आप ऐसा कर पाएंगे।

लोन के लिए सही ऋणदाता चुनें (Choose right lender for home loan):

वर्तमान में सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के कई बड़े बैंक एवं हाउसिंग फाइनेंस कंपनी घर बनाने के लिए लोन मुहैया कराती हैं। लेकिन सही ऋणदाता का चुनाव करना इस प्रक्रिया में सबसे महत्वपूर्ण कदम है। सही ऋणदाता का चुनाव करने के लिए आप निम्न बातों पर विचार कर सकते हैं।

  • ब्याज दर कितनी है    
  • ईएमआई कितनी है
  • ऋण अवधि क्या है
  • कौन कौन से ब्याज का प्रकार  फिक्स्ड, फ्लोटिंग या फ्लेक्सिबल उपलब्ध है
  • प्रक्रिया शुल्क कितना लगेगा
  • लोन भुगतान करने से पूर्व की शर्ते क्या हैं
  • देर से भुगतान के लिए जुर्माना कितना होगा
  • लोन एग्रीमेंट में क्या क्या शामिल हैं
  • लोन अप्रूव करने की क्या प्रक्रिया है
  • टैक्स में छूट है की नहीं
  • भविष्य में होम लोन को ट्रान्सफर किया जा सकता है या नहीं

दस्तावेजों की तैयारी (Documents preparation for home loan):

लोन चाहे कोई भी हो उसके लिए ऋणदाता द्वारा तरह तरह के दस्तावेजों की माँग की जाती है। ताकि वे इस बात की पुष्टि कर सकें की वे सही उम्मीदवार को लोन प्रदान कर रहे हैं । जो उनका पैसा ब्याज सहित वापस चुकाने की क्षमता रखता हो।  

  • आवेदक का पहचान प्रमाण
  • आवेदक का आयु प्रमाण
  • आवेदक का पते का सबूत
  • आवेदक की शैक्षिक योग्यता का प्रमाण
  • आवेदक क्या काम करता है उसकी जानकारी
  • कमाई का प्रमाण सैलरी स्लिप, आयकर रिटर्न की कॉपी, बैलेंस शीट इत्यादि
  • प्रॉपर्टी का विवरण
  • बैंक स्टेटमेंट के अलावा अन्य दस्तावेज ।

आवेदन करें (Apply for home loan)

जिस भी बैंक या हाउसिंग फाइनेंस कंपनी का चुनाव आपने होम लोन लेने के लिए किया हो, उसकी नजदीकी शाखा में चले जाएँ। और बैंकों में लोन प्रदान करने वाले डिपार्टमेंट अलग होता है इसलिए आपको उस विभाग के किसी जिम्मेदार अधिकारी से बात करके उन्हें अपनी लोन सम्बन्धी आवश्यकता को बताना होगा। उसके बाद उनके द्वारा आपको लोन एप्लीकेशन फॉर्म प्रदान किया जाएगा।

जिसको भरकर आप उसके साथ जरुरी दस्तावेज संग्लन करके उसे बैंक की शाखा में जमा कर सकते हैं। आवेदनकर्ता को लोन एप्लीकेशन जमा करते समय प्रोसेसिंग शुल्क का भुगतान करना होता है, जो बैंकों के आधार पर ०.२५% से २% तक कुछ भी हो सकती है।    

एप्लीकेशन का  मूल्यांकन और सत्यापन:

इस प्रक्रिया को पूर्ण करने के बाद बैंक आपके द्वारा जमा किये हुए सभी दस्तावेजों की जांच करके उनका सत्यापन करते हैं । इस प्रक्रिया के दौरान बैंक आपसे और भी दस्तावेजों की माँग कर सकते हैं, ताकि वे पूर्ण रूप से संतुष्ट हो जाएँ की आप लोन लेने के लिए एक उपयुक्त उम्मीदवार हैं । चूँकि ऋणदाता द्वारा आपको एक मोटी राशि होम लोन पर दी जाती है, इसलिए इस राशि को देने से पहले वे पूर्ण रूप से संतुष्ट होना चाहते हैं ।

यही कारण है की इस प्रक्रिया को पूर्ण होने में कुछ दिनों का समय लगता है और जब बैंक दस्तावेजों का संत्य्स्पन कर लेता है तो उसके बाद आपके द्वारा दिए गए पते इत्यादि की जांच के लिए फिल्ड जांच प्रक्रिया शुरू होती है। इस प्रक्रिया के पूर्ण होने के बाद ही ऋणदाता इस बात का अनुमान लगा पाता है की आप लोन को चुकता करने की क्षमता रखते हैं या नहीं ।

प्रॉपर्टी का मूल्यांकन और सत्यापन प्रक्रिया :

इससे पहले की ऋणदाता आपको होम लोन प्रदान करे उससे पहले जिस जमीन या प्लाट में आप अपना घर बनाने के लिए लोन ले रहे हैं । उस प्रॉपर्टी की जांच एक वकील के माध्यम से की जाती है जो बैंक को टाइटल सर्टिफिकेट या फिर क़ानूनी सत्यापन रिपोर्ट जारी करता है। और इसके बाद ही बैंक आवेदनकर्ता को दिए जाने वाले ऋण की गणना करता है।  

होम लोन स्वीकृत करना

जब बैंक द्वारा सभी जांचों को पूर्ण कर लिया जाता है और उसको लगता है की आवेदनकर्ता लोन लेने के लिए उपयुक्त उम्मीदवार है तो उस्क्ले बाद उसकी लोन एप्लीकेशन को मजूर कर दिया जाता है।  और कर्ज लेने वाले व्यक्ति को ऋणदाता द्वारा लोन स्वीकृति पत्र जारी कर दिया जाता है। उसके बाद लोन एग्रीमेंट पर दोनों पक्षों के हस्ताक्षर होते हैं, और ऋणदाता द्वारा लोन की राशि को जारी कर दिया जाता है।   

निष्कर्ष – वर्तमान में लोगों द्वारा अपने घर के सपने को पूरा करने के लिए होम लोन का सहारा लिया जाता है। ऐसे लोग जो पहले से लोन ले चुके हैं लेकिन वे अपने ऋणदाता द्वारा लगाये जा रहे ब्याज दरों एवं अन्य शर्तों से खुश नहीं है तो आप अपने Home Loan को किसी अन्य बैंक में ट्रान्सफर भी कर सकते हैं। हालांकि यह आपको पहले ही चेक करना होगा की आपके द्वारा लिए गए लोन पर यह सुविधा है या नहीं। लेकिन वर्तमान में अधिकतर बैंक अपने ग्राहकों ओ लोन ट्रान्सफर करने की सुविधा प्रदान करते हैं ।

यह भी पढ़ें बैंक क्या होते हैं बैंकों के प्रकार, कार्य, महत्व एवं विशेषताएँ